Principal Message

We have started our glorious.

प्रधानाचार्य का अभिभावकों को /बच्चों को सन्देश

अभिभावक गण

प्यारे बच्चों एवं सम्मनित नूतन शैक्षिक सत्र में मै अपनी एवं अपने पुरे विद्यालय परिवार की तरफ से आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूँ की नूतन सत्र में आप सभी अपने सर्वोत्तम प्रयास से अपने अभीष्ट को प्राप्त करेंगे और उन सभी संकल्पो और सपनो की पूरा पूरा करेंगे जिसे आप एवं आपके अभिभावकों ने मिलकर देखा और संजोया है ! साथ ही साथ मैं उन सभी अभिभावकों का ह्रदय से आभार प्रकट करना चाहूंगा जिन्होंने मुझ पर मेरे स्टाप और संस्था पर विश्वास व्यक्त किया और अपने जीवन की सर्वोत्तम निधि को तराशने का दुर्लभ दायित्व हमें प्रदान किया मैं अपने पुरे स्टाप ली तरफ से तरफ से बाबा भगवानदास एवं माँ जगदम्बा को साक्षी मानकर, यह आश्वासन देता हु, की हम सभी प्राण-प्राण से इन बाल प्रतिमाओं को तराशने में अपनी पूरी सामर्थ्य खपा देंगे जिनके छाव में यह परिसर स्थित है!
प्यारे बच्चों संस्था के संस्थापक स्व. राज कुमार राय जी ने इस विद्यालय की संथापना इस संकल्प के साथ की थी की इस देवासंचालक में एक ऐसी संस्था बनें जिससे शिक्षित अवं प्ररिक्षित बच्चे इस क्षेत्र से अज्ञान एवं आभाव का अधिकार मिटायें एवं सम्यन्नता और संस्कार का प्रकाश बिखेरे ! हम सभी आज भी उसी मिशन के साथ इस समाज की इस संस्था द्व्रारा सेवा कर रहें हैं !
कोविड के स्याह दौर से यह समाज और देश बाहर निकलकर एक नये भारत के निर्माण की तरफ द्रुत गति से अग्रसर हैं. ऐसे में हम सभी का यह विशेष दायित्व बनता हैं की शिक्षा की इस विधा द्वारा समाज उन्नयन के इस स्वर्णिंम काल, में अपना योगदान दें ! इस निर्मित हम सभी शिक्षकों का यह गुरुतर दायित्व है की पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य पालन करें और एक उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करें अपनी संस्था को जनपद एवं प्रान्त में अग्रणी संस्था बनायें जहाँ शिक्षा के साथ-साथ संस्कारो की प्रत्याभूति हों !

इसी के साथ-साथ आप सभी को आचार्य शंकर के इस महायन्त्र के साथ आगे बढ़ाना होगा जिसमें आदिशंकराचार्य यह कहते है की "मोक्ष के लिए मरना पड़ता है!" अर्थात हमारे अकेले प्रयास से कुछ नहीं होंगे और अपने स्वयं के निर्माण के लिये आप सभी को स्वयं की आहुति समय की चिंता पर पुरुषार्थ के साथ देनी होगी तभी यह सफलता प्राप्त होंगी जिस पर आप अपना समाज और आपका राय गौरव कर सकेंगा ! सफ़लता के लिए संघर्ष करते समय यह सर्वेव स्मरण रखें की सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता और नाही शिक्षा नौकरी पाने हेतु हैं अपितु शिक्षा का वृहत्तर उददेश्य आपकों संस्कारवान एवं मूल्यवरक बनाना होता हैं ताकि आप एक अच्छे नागरिक बन सके क्योकि एक अच्छा नागरिक ही एक अच्छा राष्ट्र बना सकता है ! आइये राष्ट्र निर्माण के इस मिशन में हम नव दधीच अपनी हड़िया गलायें और अपनी गौरवशाली संस्कृति को नूतन क्षितिज प्रदान करें ! शुभकामनाओं सहित - दिनेश प्रताप सिंह

“Next to faith in God is faith in Labour” – Boer.


Shri Dinesh Pratap Singh
Principal